जलने और जलाने का बस इतना सा फलसफा है.
फिक्र में होते है तो,खुद जलते हैं.
बेफ़िक्र होते हैं तो दुनिया जलती है.
तमन्नाएं भी उम्र भर कम नहीं होंगी,
समस्याएं भी कभी हल नहीं होंगी ।
फिर भी हम जी रहे हैं वर्षों से इस तमन्ना में,
कि मुश्किलें जो आज हैं, शायद कल नहीं होंगी ।
No comments:
Post a Comment